पटना: जनतांत्रिक विकास पार्टी (जविपा) के कार्यकर्ता कैमूर के रामगढ़ में दलित परिवार की छात्रा शशिकला को न्याय दिलाने के लिए बुधवार को पार्टी अध्यक्ष अनिल कुमार के नेतृत्व में पटना स्थित धरनास्थल गर्दनीबाग में एक दिवसीय धरने पर बैठे। इस दौरान जविपा ने शशिकला की मौत मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने तथा पीड़ित परिजनों को 25 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग की। धरने को संबोधित करते हुए जविपा के अध्यक्ष अनिल कुमार ने कहा कि बिहार में लॉ एंड ऑर्डर की हालत क्या है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पुलिस अपराधियों के बदले पीड़ितों को डराती-धमकाती है और हत्या को अत्महत्या का मामला बता कर अपराधियों को बचाती है।
कुमार ने कहा, ”रामगढ़ के बड़ौरा गांव की रहनेवाली शशिकला कुमारी की हत्या महज चार हजार रुपये के लिए कर दी गई और अब पुलिस प्रशासन उसे आत्महत्या साबित करने में तुली है।” उन्हांने शशिकला के हत्यारे की अविलंब गिरफ्तारी की मांग करते हुए कहा कि इस मामले की सीबीआई जांच हो जिससे पूरे मामले का पर्दाफाश हो सके। उन्होंने इस मामले में नीतीश कुमार सरकार के रवैये को निराशाजनक बताते हुए कहा कि इस हत्याकांड के मुख्य आरोपी मनोज सिंह को बचाने के लिए सत्ताधारी दल के नेताओं के इशारे पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि इस घटना से नीतीश कुमार की पुलिस बेनकाब हो गई और उनका दलित प्रेम भी उजागर हो गया है।