रांची: राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और जेवीएम के सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने शनिवार को सिविल कोर्ट के न्यायिक दंडाधिकारी अनुज कुमार की अदालत में सरेंडर किया। इसके बाद उनकी ओर से कोर्ट में 10-10 हजार का बेल बांड भरा। बताते चलें कि सिविल कोर्ट स्थित अपर न्यायायुक्त स्वर्ण शंकर प्रसाद की अदालत में बाबूलाल मरांडी को एक फरवरी को अग्रिम जमानत की अर्जी दी थी। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान मरांडी को न्यायालय में आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया गया था। मरांडी के सरेंडर करने के साथ ही उन्हें जमानत मिल गयी और कोर्ट में उनकी ओर से जमानत के तौर पर दस-दस हजार रुपये का बेल बांड भरा गया।
क्या है पूरा मामला
बाबूलाल मरांडी सहित 54 अन्य लोगों के खिलाफ जगन्नाथपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। सीएनटी और एसपीटी एक्ट में संशोधन के विरोध में विधानसभा का घेराव संपूर्ण विपक्षी दलों द्वारा किया गया था। जिसमें पुलिस और विपक्षी दलों के नेताओं के बीच झड़प हुई थी। इसमें प्रदर्शन कर रहे नेताओं और कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी छोड़े थे। इसके अलावा पुलिस की ओर से लाठीचार्ज भी की गयी थी। इसमें बड़ी संख्या में झाविमो के कार्यकर्ता घायल भी हुए थे।
54 लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी
इस मामले को लेकर पुलिस प्रशासन की ओर से 23 नवंबर 2016 को जगन्नाथपुर थाने में 54 लोगों के खिलाफ नामजद 1500 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। आरोपियों के खिलाफ सरकारी कामकाज में बाधा डालने, नाजायज तरीके से भीड़ लगाने, निषेधाज्ञां का उल्लंघन करने सहित अन्य आरोप को लेकर प्राथमिकी दर्ज की गई थी।